सभी बैंकों को अब अपने एटीएम में टोल फ्री नंबर चस्पा करना अनिवार्य होगा, ताकि ग्राहक अपनी शिकायत दर्ज करा सकें। साथ ही, जिस एटीएम में गार्डो की तैनाती है वहां शिकायती रजिस्टर भी रखना जरूरी बना दिया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक का यह ताजा आदेश एक नवंबर से लागू होगा। ग्राहकों की शिकायतों का जल्द समाधान करने के लिए आरबीआइ ने यह कदम उठाया है।
दरअसल, अभी सबसे ज्यादा शिकायतें इस बात की मिल रही हैं कि एटीएम से कैश निकालते वक्त अगर कोई तकनीकी खराबी आ जाती है तो खाते से धन तो निकल जाता मगर एटीएम से नहीं निकलता है। ग्राहकों के हाथ सिर्फ स्लिप लगती है। नियम तो यह है कि जिस बैंक का एटीएम है उसके मैनेजर से लिखित शिकायत करें या फिर उसके कॉल सेंटर पर फोन करें। 48 घंटे के भीतर आपके खाते में रुपये वापस आ जाएंगे। अगर 12 दिन तक पैसा नहीं मिला तो बैंक हर दिन सौ रुपये के हिसाब से आपको जुर्माना अदा करेगा। साथ ही, बैंक मैनेजर के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।
ग्राहकों को सबसे ज्यादा दिक्कत शिकायतें दर्ज कराने में ही आती है। ज्यादातर ग्राहकों को बैंक के कॉल सेंटर का नंबर नहीं मालूम होता है। साथ ही, तब और मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जब किसी दूसरे बैंक का एटीएम इस्तेमाल कर रहे हों या फिर किसी दूसरे शहर में कैश निकालते समय धन एटीएम में फंस जाए। इस स्थिति में ग्राहकों को बैंकों के चक्कर लगाने पड़ते हैं और धन वापस आने में देर लगती है। इसलिए आरबीआइ ने टोल फ्री नंबर चस्पा करना अनिवार्य किया है, ताकि शिकायतें दर्ज कराने में कठिनाई न हो। भारतीय स्टेट बैंक के एक आला अधिकारी के मुताबिक रिजर्व बैंक ने उपभोक्ता की शिकायत को तत्काल दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
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